Physical और Logical Addressing का सिद्धांत
Physical Addressing और Logical Addressing नेटवर्किंग में डेटा के ट्रांसमिशन के दौरान उपयोग की जाने वाली दो महत्वपूर्ण अवधारणाएँ हैं। दोनों का उद्देश्य नेटवर्क पर डेटा पैकेट्स को सही तरीके से भेजना और प्राप्त करना है, लेकिन इनके कार्य करने का तरीका और उपयोग भिन्न है।
आइए दोनों का विवरण करें:
1. Physical Addressing (भौतिक पता)
Physical Addressing एक नेटवर्क डिवाइस (जैसे कंप्यूटर, राउटर, स्विच, आदि) का अद्वितीय हार्डवेयर पता होता है, जो नेटवर्क इंटरफेस कार्ड (NIC) पर निर्धारित होता है। इसे MAC Address (Media Access Control Address) भी कहा जाता है। यह एक स्थिर और हार्डवेयर-निर्धारित पता होता है, जो नेटवर्क डिवाइस को पहचानने के लिए प्रयोग किया जाता है।
विशेषताएँ:
- MAC Address 48-बिट (6 बाइट) लंबा होता है।
- प्रत्येक नेटवर्क डिवाइस को एक अद्वितीय MAC पता मिलता है, जो उसकी हार्डवेयर पर सेट होता है।
- यह नेटवर्क पर डिवाइस की पहचान करने के लिए उपयोग किया जाता है।
- Ethernet, Wi-Fi, और अन्य लिंक लेयर तकनीकों में MAC Address का उपयोग होता है।
- MAC Address नेटवर्क की भौतिक कनेक्शन (जैसे स्विच, हब) पर आधारित होता है।
उदाहरण:
- MAC Address: 00:1A:2B:3C:4D:5E
MAC Address का उपयोग:
- यह Data Link Layer (Layer 2) में काम करता है और डेटा पैकेट्स को सही डिवाइस तक पहुँचाने के लिए जिम्मेदार होता है।
- जब डेटा पैकेट एक स्विच के द्वारा भेजा जाता है, तो स्विच MAC Address का उपयोग करता है यह तय करने के लिए कि डेटा पैकेट को किस डिवाइस को भेजना है।
2. Logical Addressing (तार्किक पता)
Logical Addressing एक नेटवर्क डिवाइस को नेटवर्क पर पता प्रदान करता है, जो उसे नेटवर्क के भीतर एक विशिष्ट स्थान पर पहचानने के लिए उपयोग किया जाता है। इसे आमतौर पर IP Address (Internet Protocol Address) कहा जाता है। यह एक तार्किक पता होता है और नेटवर्क पर डिवाइसों के बीच संचार के लिए आवश्यक होता है। IP Address इंटरनेट या किसी अन्य नेटवर्क पर डिवाइस की स्थिति का निर्धारण करता है।
विशेषताएँ:
- IP Address 32-बिट (IPv4) या 128-बिट (IPv6) लंबा होता है।
- यह नेटवर्क के तार्किक भाग को पहचानने के लिए उपयोग किया जाता है।
- IP Address का उपयोग Network Layer (Layer 3) में होता है।
- यह Dynamic या Static हो सकता है, यानी इसे स्वचालित रूप से असाइन किया जा सकता है (DHCP के माध्यम से) या मैन्युअल रूप से असाइन किया जा सकता है।
- यह नेटवर्क की सार्वजनिक पहचान है और नेटवर्क के बाहर अन्य नेटवर्क डिवाइसों द्वारा देखा जा सकता है।
उदाहरण:
- IPv4 Address: 192.168.1.1
- IPv6 Address: 2001:0db8:85a3:0000:0000:8a2e:0370:7334
IP Address का उपयोग:
- यह Network Layer (Layer 3) में काम करता है और नेटवर्क पर पैकेट्स को सही नेटवर्क तक पहुँचाने के लिए जिम्मेदार होता है।
- Routing के दौरान, राउटर IP Address का उपयोग करते हैं यह तय करने के लिए कि डेटा पैकेट को कौन से नेटवर्क में भेजना है।
Physical और Logical Addressing में अंतर
Aspect | Physical Addressing (MAC Address) | Logical Addressing (IP Address) |
---|---|---|
Definition | हार्डवेयर आधारित पता जो नेटवर्क डिवाइस को पहचानने के लिए उपयोग किया जाता है। | तार्किक पता जो नेटवर्क पर डिवाइसों के बीच संचार के लिए उपयोग किया जाता है। |
Address Type | MAC Address (Media Access Control) | IP Address (Internet Protocol) |
Length | 48-बिट (6 बाइट) | 32-बिट (IPv4) या 128-बिट (IPv6) |
Layer | Data Link Layer (Layer 2) | Network Layer (Layer 3) |
Uniqueness | हार्डवेयर के आधार पर अद्वितीय (उदाहरण: नेटवर्क इंटरफेस कार्ड पर) | नेटवर्क में तार्किक रूप से अद्वितीय (उदाहरण: नेटवर्क और सबनेट के आधार पर) |
Assigned By | नेटवर्क डिवाइस निर्माता द्वारा (हार्डवेयर में सेट) | DHCP या मैन्युअल रूप से नेटवर्क प्रशासक द्वारा सेट किया जाता है। |
Purpose | डिवाइस की भौतिक पहचान के लिए (जैसे स्विच पर पैकेट्स को भेजना) | नेटवर्क पर डिवाइसों के बीच संचार के लिए (जैसे राउटर पर डेटा रूटिंग) |
Static/Dynamic | स्थिर (हार्डवेयर के आधार पर) | गतिशील (DHCP द्वारा स्वचालित रूप से असाइन) या स्थिर (मैन्युअल रूप से असाइन) |
Example | 00:1A:2B:3C:4D:5E | 192.168.1.1 (IPv4) / 2001:0db8:85a3:0000:0000:8a2e:0370:7334 (IPv6) |
निष्कर्ष (Conclusion)
- Physical Addressing (MAC Address) एक स्थिर और भौतिक पता है जो एक डिवाइस को नेटवर्क पर पहचानने के लिए उपयोग किया जाता है। यह Data Link Layer में कार्य करता है और नेटवर्क के भीतर डिवाइसों के बीच डेटा ट्रांसफर के लिए आवश्यक होता है।
- Logical Addressing (IP Address) एक तार्किक पता है जो नेटवर्क पर डिवाइसों के बीच संचार को सक्षम करता है। यह Network Layer में कार्य करता है और नेटवर्क के बाहर डिवाइसों द्वारा नेटवर्क की पहचान के लिए उपयोग किया जाता है।
दोनों प्रकार के पते समान रूप से महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि MAC Address नेटवर्क पर डेटा भेजने और प्राप्त करने में उपयोग किया जाता है, जबकि IP Address नेटवर्क के भीतर राउटिंग और डेटा के मार्गदर्शन के लिए आवश्यक होता है।