सिस्टम प्रोग्राम्स (System Programs)
परिभाषा:
सिस्टम प्रोग्राम्स वे प्रोग्राम्स होते हैं जो ऑपरेटिंग सिस्टम के द्वारा प्रदान की जाती हैं और जिनका मुख्य उद्देश्य कंप्यूटर प्रणाली के संसाधनों को प्रबंधित करना और उपयोगकर्ता को सुविधाजनक तरीके से ऑपरेटिंग सिस्टम से इंटरएक्ट करने की अनुमति देना होता है। ये प्रोग्राम्स उपयोगकर्ताओं और एप्लिकेशन सॉफ़्टवेयर के बीच मध्यस्थ का कार्य करते हैं और सिस्टम के विभिन्न कार्यों को प्रबंधित करते हैं, जैसे फाइल प्रबंधन, नेटवर्किंग, और प्रोसेस कंट्रोल।
सिस्टम प्रोग्राम्स आमतौर पर ऑपरेटिंग सिस्टम का एक हिस्सा होते हैं, लेकिन वे उपयोगकर्ता के द्वारा सीधा उपयोग किए जाते हैं। ये प्रोग्राम्स ऑपरेटिंग सिस्टम को अधिक सक्षम और उपयोगकर्ता-अनुकूल बनाते हैं।
सिस्टम प्रोग्राम्स के प्रकार (Types of System Programs):
सिस्टम प्रोग्राम्स को विभिन्न श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है, जिनमें शामिल हैं:
1. फाइल प्रबंधक (File Management Programs):
- उद्देश्य: ये प्रोग्राम्स फाइलों के निर्माण, पढ़ाई, लिखाई, स्थानांतरण, और हटाने जैसी गतिविधियों को नियंत्रित करते हैं।
- उदाहरण:
- फाइल एक्सप्लोरर (File Explorer): विंडोज़ ऑपरेटिंग सिस्टम का वह टूल जो फाइलों और फोल्डरों को ब्राउज़ करने और प्रबंधित करने के लिए उपयोग किया जाता है।
- फाइल कॉपी (File Copy): किसी फाइल को एक स्थान से दूसरे स्थान पर कॉपी करने के लिए उपयोग किया जाता है।
2. कमांड लाइन इंटरफेस (CLI) प्रोग्राम्स:
- उद्देश्य: ये प्रोग्राम्स उपयोगकर्ताओं को कमांड लाइन के माध्यम से सिस्टम से इंटरएक्ट करने की अनुमति देते हैं।
- उदाहरण:
- टर्मिनल (Terminal): Linux, macOS, और Windows में उपलब्ध टर्मिनल प्रोग्राम जो उपयोगकर्ताओं को कमांड लाइन द्वारा ऑपरेटिंग सिस्टम से संवाद करने की अनुमति देता है।
- Command Prompt (Windows): Windows में उपलब्ध कमांड लाइन इंटरफेस जो उपयोगकर्ता को सीधे कमांड्स टाइप करके ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ इंटरएक्ट करने की अनुमति देता है।
3. लिंक्स प्रोग्राम्स (Linking Programs):
- उद्देश्य: ये प्रोग्राम्स विभिन्न सॉफ़्टवेयर मॉड्यूल्स को जोड़ने का काम करते हैं ताकि एक संगठित और कार्यशील एप्लिकेशन बन सके।
- उदाहरण:
- लिंकर (Linker): यह प्रोग्राम अलग-अलग प्रोग्राम मॉड्यूल्स को जोड़ता है और एक पूर्ण और कार्यशील एप्लिकेशन बनाता है।
- लोडर (Loader): यह प्रोग्राम प्रोग्राम को मुख्य मेमोरी में लोड करता है ताकि उसे निष्पादित किया जा सके।
4. डिवाइस ड्राइवर (Device Drivers):
- उद्देश्य: ये प्रोग्राम्स हार्डवेयर डिवाइसों के साथ इंटरफेस करने के लिए होते हैं, जैसे की प्रिंटर, कीबोर्ड, माउस, डिस्क ड्राइव आदि।
- उदाहरण:
- प्रिंटर ड्राइवर (Printer Driver): यह प्रोग्राम आपके कंप्यूटर को प्रिंटर के साथ संवाद करने की अनुमति देता है।
- ग्राफिक्स कार्ड ड्राइवर (Graphics Card Driver): यह प्रोग्राम कंप्यूटर के ग्राफिक्स कार्ड के साथ इंटरफेस करता है ताकि डिस्प्ले पर ग्राफिक्स या वीडियो दिखाए जा सकें।
5. प्रोसेस कंट्रोल प्रोग्राम्स (Process Control Programs):
- उद्देश्य: ये प्रोग्राम्स प्रोसेस के निर्माण, समाप्ति और समय प्रबंधन के लिए होते हैं।
- उदाहरण:
- Task Manager (Windows): यह प्रोग्राम उपयोगकर्ताओं को चल रहे प्रोसेस और उनके संसाधन उपयोग को देखने और नियंत्रित करने की अनुमति देता है।
ps
(Linux): यह एक कमांड लाइन टूल है जो सिस्टम पर चल रहे प्रोसेस की सूची दिखाता है।
6. नेटवर्किंग प्रोग्राम्स (Networking Programs):
- उद्देश्य: ये प्रोग्राम्स नेटवर्किंग सेवाओं और डेटा संचारण के लिए उपयोग किए जाते हैं।
- उदाहरण:
- FTP (File Transfer Protocol): यह प्रोग्राम फाइलों को एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर पर ट्रांसफर करने के लिए इस्तेमाल होता है।
- ping: यह प्रोग्राम नेटवर्क पर किसी अन्य डिवाइस की उपलब्धता चेक करने के लिए उपयोग किया जाता है।
7. सिस्टम डिबगिंग और ट्रबलशूटिंग प्रोग्राम्स (System Debugging and Troubleshooting Programs):
- उद्देश्य: ये प्रोग्राम्स सिस्टम में होने वाली समस्याओं का पता लगाने और उन्हें ठीक करने के लिए होते हैं।
- उदाहरण:
- GDB (GNU Debugger): यह प्रोग्राम C, C++, और अन्य भाषाओं में लिखे गए प्रोग्राम्स के लिए डिबगिंग टूल है।
- Event Viewer (Windows): यह प्रोग्राम विंडोज़ ऑपरेटिंग सिस्टम की लॉग फ़ाइलों को देखने और समस्या की पहचान करने के लिए प्रयोग किया जाता है।
8. यूटिलिटी प्रोग्राम्स (Utility Programs):
- उद्देश्य: ये छोटे प्रोग्राम्स सिस्टम की कार्यक्षमता को बढ़ाने और सुधारने के लिए होते हैं।
- उदाहरण:
- Disk Cleanup (Windows): यह प्रोग्राम सिस्टम में अनावश्यक फाइलों को हटाने के लिए उपयोग किया जाता है।
fsck
(Linux): यह प्रोग्राम फाइल सिस्टम के गलतियों को ठीक करने के लिए उपयोग किया जाता है।
सिस्टम प्रोग्राम्स का महत्व:
- ऑपरेटिंग सिस्टम की कार्यक्षमता में सुधार: सिस्टम प्रोग्राम्स ऑपरेटिंग सिस्टम के कार्यों को अधिक प्रभावी और कुशल बनाते हैं।
- सिस्टम को अधिक उपयोगकर्ता-अनुकूल बनाना: ये प्रोग्राम्स उपयोगकर्ताओं को सिस्टम के साथ आसानी से इंटरएक्ट करने का तरीका प्रदान करते हैं।
- सुरक्षा और स्थिरता: सुरक्षा से संबंधित प्रोग्राम्स और नेटवर्किंग टूल्स सिस्टम की सुरक्षा को बढ़ाते हैं और समस्याओं का समाधान करते हैं।
- संसाधन प्रबंधन: ये प्रोग्राम्स सिस्टम संसाधनों, जैसे मेमोरी, प्रोसेस, और डिवाइसों का कुशल प्रबंधन करते हैं।
निष्कर्ष:
सिस्टम प्रोग्राम्स ऑपरेटिंग सिस्टम के अभिन्न भाग होते हैं जो उपयोगकर्ता को कंप्यूटर की विभिन्न सेवाओं और संसाधनों से इंटरफेस करने की सुविधा प्रदान करते हैं। इन प्रोग्राम्स के बिना, उपयोगकर्ता को सिस्टम संसाधनों का प्रबंधन और संचालन करना कठिन होता। सिस्टम प्रोग्राम्स ऑपरेटिंग सिस्टम के माध्यम से कंप्यूटर सिस्टम को अधिक प्रभावी और उपयोगकर्ता के अनुकूल बनाते हैं।